विविधताओं से भरे भारत देश में हर ओर शांति, समृधि, विकास देखा जाता था, पर भारत पर हजारों साल से आक्रमण हो रहा है जिससे हिन्दू, हिंदुस्तान और इनके जीने की पद्धति को किस तरह से ख़तम किया जाय यह कोसिसें लगातार की जा रही थी, जो अभी तक निरंतर जारी है।
भारतवर्ष पर कई बार आक्रमण किये गए लेकिन जिसमें 9 खलीफाओं ने 74 वर्षों में 15 बार सिंध प्रान्त पर ( वर्तमान में पाकिस्तान ) आक्रमण किया, अन्ततः 15वि बार में मुहम्मद बिन कासिम की नतृत्व में सफलता मिली। इसने पुरे सिंध प्रान्त को लुटा, हिन्दू बहन बेटियों को अपने सैनिको के हवाले किया और खुद सिंध प्रान्त के तत्कालीन दीवान की बेटी को अपनी बेगम बनाना चाहता था सफल नहीं होने पर मुहम्मद बिन कासिम ने उसका सिर धड़ से अलग करवा दी थी।
मुस्लिम का उतरी भारत में पदार्पण इसी के काल में हुवे यह बहुत क्रूर शासक था जिसने मुस्लिम धर्म को भारत में आगे बढ़ाने का नीव डाली, पुरे भारत को लूट कर यहाँ मुस्लिम की स्थापना की थी। इसके मूल कार्य हिन्दू मंदिरों को लूटना, हिन्दुओं को मारना और हिन्दुओं को कैसे ख़तम किया जा सके इसके रणनीति पर काम करना।
जितने भी मुस्लिम शासक हुवे सबने भारत पर क्रूर अत्याचार किये।
मुस्लिम बादशाह और मुसलमानों की निति गजवा-ए-हिन्द के तहत मुस्लिम राष्ट्र बनाने को लेकर भारतवर्ष को खंड खंड करने की योजना थी और इसी के तहत 26 मई 1739 को दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह अकबर ने ईरान के नादिर शाह से संधि कर उपगणस्थान (अफगानिस्तान) उसे सौंप दिया था। 1876 में अफगानिस्तान एक इस्लामिक राष्ट्र बना।
उस समय के भारत के प्रसिद्ध कवी और नेता मुहम्मद इक़बाल थे इनके दादा कश्मीरी पंडित थे इन्होने मुस्लिमो के लिए अलग देश की मांग की जिसके तहत 1930 में जिन्ना और मुस्लिम लिंग ने इसके लिए पुरे देश में आगजनी और हिंसा की, और इसे लगातार हिन्दू मुस्लिम कर भड़काया गया। जिसके बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली द्वारा 1933 में पहली बार पाकिस्तान शब्द का इजात किया गया। महात्मा गाँधी के स्नेह,आशीर्वाद, कांग्रेस के समर्थन और अंग्रेजों के सहयोग से पाकिस्तान 14 अगस्त 1947 को अलग देश बना। पाकिस्तान के अलग होते ही लाखो हिन्दू परिवार को पाकिस्तान छोड़ना पड़ा और जिन्होंने नहीं छोड़ा उसे अभी तक सताया जा रहा है कुछ हिन्दू परिवार अभी भी पाकिस्तान छोड़ कर भारत की सारण में आ रहे हैं ।

पाकिस्तानी मुसलमानों ने उस समय के पूर्वी पाकिस्तान और अभी के बांग्लादेश के हिन्दू मुस्लिम नागरिकों को प्रताड़ित करने लगे, जिसके परिणाम स्वरूप इस देश का जन्म 1971 में हुवा, उस समय पाकिस्तान के मुस्लिम सैनिको द्वारा लगातार पूर्वी पाकिस्तान के हिन्दुओ पर अत्याचार किये गए जो मुग़ल बादशाहों की तरह ही थे जिसके कारन लाखों हिन्दू परिवार ने पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) छोड़ सब भारत में शरण लिए।
गजवा-ए-हिन्द
इनका उद्देश्य मुस्लिम राष्ट्र का निर्माण करना है। काफिरों को मार भागना है। इसी के तहत तेजी से पुरे भारत में जनसख्या बढ़ाना इनका मुख्य मकसद रहा है इसी के तहत मुस्लिम धर्म के लोग कश्मीर, केरल, पश्चिम बंगाल असम और देश के कई राज्यों के जिला और शहर को धीरे धीरे मुस्लिम बहुल बनाया जा रहा है मुस्लिम धर्म के लोग जहाँ 5% होते है वहाँ शांति से रहते है जहाँ 10 % होते है वहां अपना दबदबा बनाने लगते हैं जहाँ 20% या इससे अधिक होते है वहाँ अपना विधायक या संसद बनाते है और जहाँ 30% या इससे अधिक होते है वहां अपनी सरकार बनाते हैं और जहाँ 40% या इससे अधिक होते है वहाँ दूसरे धर्म के लिए जगह नहीं होती, उन्हे मार कर, डरा कर, हिन्दू लड़कियों को उठा कर जबर्जस्ती धर्म परिवर्तण करवाते है जिससे तेजी से जनसख्यां समीकरण बदले और मुस्लिम राष्ट्र बने।

मुस्लिम समुदाय द्वारा भारत में आग लगा कर ये पुनः भारत को इस्लामिक राष्ट्र की और अग्रसर करना और अपनी सरकार बनाना है इसी के तहत पुरे देश में रोहिंगया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिमों के लिए पुरे देश में आगजनी और आंदोलन किये जा रहें है जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता मैं दुर्गेश कुमार सिंह इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
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